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केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय की गोद में समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित है और भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
ऐसा माना जाता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने भगवान शिव से पापों की मुक्ति के लिए यह मंदिर बनवाया था। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण 8वीं शताबदी में आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था।
यह मंदिर विशाल पत्थरों से बना है और इसकी बनावट पारंपरिक हिमालयी वास्तुकला को दर्शाती है। मंदिर हर साल सर्दियों (नवंबर से अप्रैल) में बंद रहता है, और उस दौरान शिवलिंग को उखीमठ ले जाया जाता है।
गौरीकुंड से केदारनाथ तक की यात्रा लगभग 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई है। “हर हर महादेव” के जयकारों के साथ यह यात्रा भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव बन जाती है।
केदारनाथ केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि आस्था, शक्ति और चमत्कारों का प्रतीक है। 2013 की भयावह बाढ़ के बाद भी मंदिर का सुरक्षित रहना इसकी दिव्यता को दर्शाता है।